तुमसे कुछ कहना नहीं
सिर्फ़ एहसास की होती है कीमत
जब देखोगे मन से
सब बदल जाएगा
सब ख़त्म हो जाएगा
किसी तिनके की तरह
झूलता----
और बुलबुले के समान
होती हैं यादें
उसे पलकों से सहेजो
जरा करीब से
भूलते -भटकते पलों के
बेचैन रंजोगम में
दो-चार दिन है तेरे नाम
उसी तिनके की बिसात पर
टिका है तेरा मेरा गम
प्यार , दोस्ती , मोहब्बत
हंस लो, रो लो ...
जब सब बदल जाएगा
चेहरे , मिजाज और ना जाने क्या -क्या
राहुल, पटना
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3 comments:
KYA RAHUL CHA GAJAB KI POETRY LIKHI HAI.
TINKU MUZAFFARPUR
Good yaar. After a long time got to read your poetry. Must congratulate you for the blog
first and keep pon posting such thing. Would look forward to read more.
Rajeev
करीब से कहना नहीं मन .....bahut khub rahul bhaiya...
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