Sunday, August 24, 2008

तुम जब उदास थे ...

तुम जब किसी के साथ होकर
कहीं और यायावर की मानिंद
शेष तलाशते मिले ....
वो पल रेत के ढेर में
तुझे सुन रहा था
मैंने सोच लिया कि
तुमने कहीं गिरकर
कुछ सपनों को दूर कर दिया
अपने आप से
जब तुम उदास हुए
मैंने तेरे नाम से
एक ख़त
दिया था
... अगर याद आए
तो देखना

rahul
......


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