तुम जब किसी के साथ होकर कहीं और यायावर की मानिंद शेष तलाशते मिले .... वो पल रेत के ढेर में तुझे सुन रहा था मैंने सोच लिया कि तुमने कहीं गिरकर कुछ सपनों को दूर कर दिया अपने आप से जब तुम उदास हुए मैंने तेरे नाम से एक ख़त दिया था ... अगर याद आए तो देखना
MAINE KABHI SOCHA NAHI THA JOURNALISM KE FIELD ME KAAM KAROONGA.MERA DIL GAON KI GALION AUR KHET- KHALIHAN ME BHATAKTA RAHTA HAI.I ALWAYS TRY TO UNDERSTAND MYSELF. MAI EK-EK PAL KO JEENE ME YAKEEN RAKHTA HOON.
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